“भगवान शिव की भक्ति का पर्व –महाशिवरात्रि”
आप सभी को राधाकृपा परिवार की ओर से “महाशिवरात्रि पर्व” की हार्दिक शुभकामनायें |
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि भगवान् शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था. प्रलय की वेला में इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से समाप्त कर देते हैं. इसीलिए इसे महाशिवरात्रि अथवा कालरात्रि कहा गया.और इस दिन शिव का विवाह माता पार्वती जी के साथ हुआ था,
महाशिवरात्रि व्रत की विधि, कथा और महत्व जाने
आप सभी को राधाकृपा परिवार की ओर से “महाशिवरात्रि पर्व” की हार्दिक शुभकामनायें |
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि भगवान् शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था. प्रलय की वेला में इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से समाप्त कर देते हैं. इसीलिए इसे महाशिवरात्रि अथवा कालरात्रि कहा गया.और इस दिन शिव का विवाह माता पार्वती जी के साथ हुआ था,
महाशिवरात्रि व्रत की विधि, कथा और महत्व जाने
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